इंतज़ार

इंतज़ार बहुत लंबा है, साँसें काफ़ी बाक़ी हैं
ज़िंदगी का पर हर दिन अब हम पर भारी है
त्योहारों का भी अब वो रंग दिखायी नहीं देता
कोशिश बहुत करता हूँ पर हार जाता हूँ
आँसू ज़्यादा बहते हैं, पहले भी ये निकल जाते थे
पर तब कभी कभी ख़ुशी के भी होते थे
ख़ैर ज़िंदगी में अभी भी थोड़े खैरखवाह बाक़ी हैं
कट जाएगी ठीक ठाक ये उम्मीद अभी भी बाक़ी है
इंतज़ार अभी काफ़ी लम्बा है साँसे अभी बाक़ी हैं।

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