माँ के बिना एक साल - २

माँ आपको बता दूँ, कुछ विशेष बातें पिछले साल की..

पिछले एक साल में बहुत कुछ हुआ माँ
घर की पुतायी हो गयी
अब पहले से कुछ बेहतर दिखता है
बहन के बेटा हुआ, उम्मीदों की नयी उमंग आयी
बहुत सुंदर है “चिंटू”, नन्हा सा
मैं अब वापस अमेरिका चला आया हूँ
भाई भी ठीक है वापस काम पे ध्यान देने लगा है
पिताजी ने अपने को काफ़ी संभाल लिया है
कभी कभी थोड़ी ज़िद कर लेते हैं 
पर संभल कर फिर से ठीक हो जाते हैं
और क्या बताऊँ माँ
हाँ, इस साल बारिश बड़ी हुई,
 सारे बाँधों के सभी गेट खोलने पड़े
पर अच्छा है फ़सल अच्छी होगी
हो सकता है सर्दी भी काफ़ी पड़े
मैं अब अक्सर पिताजी से बात कर लेता हूँ
पहले आपसे होती थी तो उनकी ख़बर भी मिल जाती थी
टोटो-गिनी-मिनी ठीक हैं
रोज़ सुबह उठकर आपको प्रणाम कर लेते हैं
शायद अभी समझ नहीं है उनको आपकी कमी की
बस माँ, आजकल थोड़ा कम रोता हूँ 
कभी कभी हंस भी लेता हूँ
हाँ माँ सभी थोड़े संभाल गए हैं
ज़िंदगी के साथ चलने लगे हैं
बस कभी कभी आपकी बहुत याद आती है
इसीलिए सोचा आपको बता दूँ।

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